
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर सांसद शशि थरूर द्वारा की गई सकारात्मक समीक्षा को खारिज कर कहा कि उन्हें भाषण में सराहना लायक कुछ भी नहीं लगा। कांग्रेस सांसद थरूर के पोस्ट का जवाब देकर श्रीनेत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में सराहना लायक कुछ भी नहीं लगा। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को कई बातों का जवाब देना चाहिए।
श्रीनेत ने कहा कि वे एक अखबार के कार्यक्रम में थे। उन्हें हमें बताना चाहिए था कि निष्पक्ष पत्रकारिता से उन्हें क्या दिक्कत है। उन्हें बताना चाहिए था कि वे सच दिखाने और बोलने वालों से खुश क्यों नहीं हैं। श्रीनेत ने कहा कि मुझे उनकी सराहना करने का कोई कारण नहीं दिखा। मुझे नहीं पता कि उन्हें (शशि थरूर) इसकी कोई वजह कैसे मिल गई। मुझे वहां एक तुच्छ भाषण लगा। उन्होंने वहाँ भी कांग्रेस की आलोचना की।
उनकी टिप्पणी थरूर की पोस्ट के माध्यम से की गई प्रतिक्रिया से बिल्कुल विपरीत थी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के संबोधन पर प्रकाश डाला था। थरूर ने लिखा कि उन्होंने व्याख्यान में भाग लिया था और उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता की बात की थी और उपनिवेशवाद-विरोधी मानसिकता पर ज़ोर दिया था। कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को उभरता हुआ बाज़ार नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक उभरता हुआ मॉडल बताया, देश के आर्थिक लचीलेपन पर ज़ोर देकर कहा कि वह लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए चुनावी मूड में नहीं, बल्कि भावनात्मक मूड में हैं।
थरूर ने कहा कि भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मैकाले की 200 साल पुरानी गुलामी मानसिकता की विरासत को पलटने और भारत की विरासत, भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों में गौरव बहाल करने के लिए 10 साल के राष्ट्रीय मिशन की अपील पर केंद्रित था। उन्होंने कहा, बुरी सर्दी और खांसी से जूझने के बावजूद दर्शकों के बीच उपस्थित रहकर खुशी हुई!











